Cow In pooja
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गाय की पूजा
गाय की पूजा से वह सभी लाभ प्राप्त होते हैं जो एक मंदिर में पूजन से होते हैं |
गाय के खर् में सभी तीर्थ निवास करते हैं गाय जहां पर पैर रखती है वहां के जल से स्नान करने से सभी तीर्थ के स्नान का फल मिलता है |
गाय के गले में घंटी का फल मंदिर में लगे घंटे की पद के बराबर बल्कि उसे ज्यादा ही होता है|
सभी ग्रह नक्षत्र की शांति के लिए अगर हम गाय का पूजन कर लेते हैं तो उसे सभी ग्रह नक्षत्र की शांति हो जाती है इसलिए गाय के उनका महत्व वाणी से वर्णन नहीं किया जा सकता |
गाय की पूजा के कई फायदे हैं, जिनमें धार्मिक लाभ जैसे सुख-समृद्धि, मानसिक शांति और पापों से मुक्ति शामिल हैं, साथ ही ज्योतिषीय लाभ जैसे ग्रहों के दोषों का निवारण और जीवन में सकारात्मकता लाना भी शामिल है। मान्यता है कि गाय के शरीर में सभी देवी-देवताओं का वास होता है, और इसकी सेवा व पूजा से घर में लक्ष्मी का आगमन होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ
सुख-समृद्धि: गाय की पूजा और सेवा से घर में सुख-समृद्धि और सौभाग्य आता है।
गाय की पूजा करने से जाने-अनजाने में हुए पापों का नाश होता है।
गाय की आरती और सेवा से मन को शांति मिलती है और तनाव दूर होता है।
देवी-देवताओं की कृपा
गाय को 33 कोटि देवी-देवताओं का वास स्थान माना जाता है, इसलिए इसकी पूजा से सभी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं।
ज्योतिषीय लाभ
ग्रह दोषों का निवारण: गाय की सेवा और पूजा से ग्रहों के दोष दूर हो सकते हैं।
पितृदोष से मुक्ति: नियमित रूप से गाय को चारा-गुड़ खिलाने से पितृदोष से राहत मिलती है।
नवग्रहों की शांति: गाय की सेवा और पूजा से नवग्रह शांत होते हैं और कुंडली में मजबूती आती है।
वास्तु दोष: गाय की आरती से घर के वास्तु दोष भी दूर होते हैं।
अन्य लाभ
सकारात्मकता में वृद्धि: गाय की पूजा और सेवा से जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है।
स्वास्थ्य लाभ: गाय का दूध औषधि माना जाता है, जो पौष्टिक और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला होता है।
नकारात्मक ऊर्जा का नाश: जिस स्थान पर गाय रहती है, वहां से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
गौमूत्र का महत्व
हिन्दू धर्म में गौमूत्र का अत्यंत महत्व है। गौमूत्र को सर्वाधिक पवित्र और गंगाजल के समान माना गया है। ग्रंथों में इस बता का वर्णन मिलता है कि अगर घर में पूजा के दौरान गंगाजल मौजूद न हो तो उसके स्थान पर गौमूत्र का प्रयोग किया जा सकता है। गौमूत्र के प्रयोग से शुभ काम में कोई भी बाधा नहीं आती है और पूजा की शुद्धता बनी रहती है।
गाय के गोबर
गाय के गोबर से बनने वाले कंडे (उपले) का इस्तेमाल भोजन बनाने से लेकर पूजा-पाठ, अनुष्ठान और हवन आदि कार्यों में किया जाता है. इतना ही नहीं किसी स्थान की शुद्धि के लिए भी उस जगह को गाय के गोबर से लेप किया जाता है.
Some of its points are as follows-
Cultural and social aspects :
Cows hold cultural and social significance in Hindu rituals and ceremonies. They are often gifted to brides on their wedding day as a symbol of prosperity and good fortune.
Animal Welfare :
In Hinduism, the protection of all living creatures is considered a moral duty. Cows are seen as symbols of compassion and empathy, and their welfare is closely linked to the overall welfare of society.
Cow’s milk is as nectar as mother’s milk. Milk and its products such as ghee, curd, butter, buttermilk etc. are delicious, healthy, nourishing and even its urine is used as medicine.